डेस्क। हैरी पॉटर लेखिका जे के रोलिंग ने दावा किया है कि एनएचएस डॉक्टर ने जिस तकनीक को वीडियो के जरिए शेयर कर बताया है, उस तकनीक को अपनाने से उन्हें सांस लेने की तकलीफ को दूर करने में मदद मिली है। इस तकनीक में कोरोना वायरस मरीजों को सांस लेने में तकलीफ को दूर करने उपाय बताए गए हैं। वहीं, ब्रिटेन स्थित रोमफोर्ड में क्वीन्स अस्पताल के डॉक्टर सरफ़राज़ मुंशी ने कहा कि इस तकनीक के अभ्यास से सांस लेने की तकलीफ को दूर करने में मदद मिल सकती है।
इस बारे में और अधिक जानकरी देते हुए जे के रोलिंग ने कहा कि सांस लेने की नई तकनीक ने उन्हें कोरोना वायरस लक्षण से लड़ने में मदद की है। हालांकि, रोलिंग ने साफ किया है कि उन्होंने अब तक कोरोना वायरस टेस्ट नहीं कराया है।इसके आगे उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए कहा कि अगर आपमें कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो आप क्वीन्स हॉस्पिटल द्वारा बताये गए सांस लेने की तकनीक को पर जरूर अपनाएं। मैं पिछले दो सप्ताह से इस तकनीक का यूज़ कर रही हूं क्योंकि मुझमें कोरोना वायरस के सभी लक्षण दिख रहे थें। मैं इस तकनीक की मदद से अब पूरी तरह सुरक्षित हूं।
इस वीडियो में डॉक्टर सांस लेने के तरीके को बता रहे हैं, जिसमें डॉक्टर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को दो तरीके से सांस लेने के लिए कहते हैं। इनमें पहली तकनीक के तहत लंबी सांस लेना और और तकरीबन 5 सेकंड तक सांस को रोककर रखना है। इसके बाद सांस छोड़ना है। इस तकनीक को कम से कम 10 बार जरूर करने की सलाह दी गई है। दूसरी तकनीक में संक्रमित व्यक्ति को बैक साइड से ज्यादा सोने की सलाह दी गई है। ऐसा कहा गया है कि इससे निमोनिया में आराम मिलता है।
डॉक्टर मुंशी के अनुसार, उनके साथी सू इलियट इस तकनीक पर बहुत भरोसा करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि आइसोलेट मरीजों के लिए यह बहुत कारगर है। यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो अभी इस वायरस से संक्रमित नहीं है। उन्हें कोरोना वायरस से बचने के लिए इस तकनीक को जरूर अपनाना चाहिए।